26/11 केस में बड़ा अपडेट है। मुंबई में 26 नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को शुक्रवार 11 अप्रैल 2025 को दिल्ली की एक विशेष एनआईए अदालत ने 18 दिन की हिरासत में भेज दिया है। इससे पहले गुरुवार रात अमेरिका से प्रत्यर्पित होकर भारत पहुंचे तहव्वुर राणा को एनआईए की टीम ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था। एनआईए ने अदालत से 20 दिन की कस्टडी की मांग की थी।
जबरदस्त सुरक्षा घेरे में कोर्ट लाया गया राणा
एनआईए ने राणा को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश किया। इस दौरान उसके साथ एक जेल वैन, बख्तरबंद एसडब्ल्यूएटी वाहन और एक एंबुलेंस भी थी। उसे विशेष एनआईए न्यायाधीश चंदर जीत सिंह के सामने पेश किया गया।
हेडली से बातचीत के सबूत
एनआईए ने अदालत में दलील दी कि तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच हुए ईमेल आदान-प्रदान उसके षड्यंत्र में शामिल होने के स्पष्ट सबूत हैं। एजेंसी ने कहा कि 26/11 हमलों की पूरी योजना से राणा अवगत था और भारत दौरे से पहले हेडली ने इस बारे में उससे विस्तार से बातचीत की थी। इतना ही नहीं उसने अपनी व्यक्तिगत जानकारी और सामान की लिस्ट भी राणा को ईमेल की थी।
राणा से होगी पूछताछ
NIA का कहना है कि तहव्वुर राणा की हिरासत जरूरी है ताकि उससे पूछताछ कर हमले की गहरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके। जांच एजेंसी ने कहा कि राणा को सिर्फ एक मददगार नहीं बल्कि साजिश का हिस्सा माना जा रहा है और उसकी भूमिका स्पष्ट करना बेहद जरूरी है।
अदालत में दोनों पक्षों के वकील मौजूद रहे
इस मामले में एनआईए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने दलीलें रखीं। वहीं, तहव्वुर राणा की ओर से दिल्ली लीगल सर्विसेज अथॉरिटी की तरफ से अधिवक्ता पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया गया जो अदालत द्वारा राणा को कानूनी मदद के लिए दिए गए थे।
हमले में हुई थीं 166 लोगों की मौत
टैमी ब्रूस ने आगे कहा कि मुंबई हमलों में 166 लोगों की जान गई थी। जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक भी थे। ये हमले पूरी दुनिया को हिला देने वाले थे। अमेरिका लंबे समय से भारत का समर्थन करता रहा है ताकि दोषियों को न्याय दिलाया जा सके। यह प्रत्यर्पण उसी दिशा में एक बड़ा कदम है।